अकेला है तो क्या हुआ
इंतजार किसका है
एतबार किसका है
तन्हाई की महफ़िल में
खुद को गले लगाए जा
हाथ पकड़ अपने साएँ का
आगे कदम बढ़ाए जा
क्यों है खुद से शिकायत
है तुझे भी इजाज़त
करले खुद से थोड़ी तू भी मोहब्बत
दुनिया ने सौ दर्द है बाटें
कुछ गिरे तेरी झोली में
कुछ आ बैठे मेरे दामन में
मुरझा से गए फुल सारे
है हज़ार राह में बिखरे काँटें
पर रोक सकेगा तुझे कौन
तू बस अपनी धुन में मग्न
काँटों भरी रहा को गुलशन समझ
आगे कदम बढ़ाए जा
अरमानों का काफ़िला लिए
जीने का जश्न मनाए जा
कैसी है यह शिकायत
है तुझे भी इजाज़त
करले खुद से थोड़ी तू भी मोहब्बत
देख ना पीछे मुड़
अतीत ने क्या छोड़ा है
आगे नज़र दौड़ा
वक्त लाया फिर एक नया सवेरा है
हटाकर नक़ाब
खोल दे तू दिल की किताब
सजा ले इन पलकों पर
आज फिर एक नया ख्वाब
ना कर अब तू शिकायत
है तुझे भी इजाज़त
करले खुद से थोड़ी तू भी मोहब्बत
Hi dear..
I loved this the most! lovely:)
Glad that you liked it!
Woow! loved it dear!
Thanks a lot dear ?
With each passing post I am enjoying it more and more. Some really deep lines. Good work cheete.
#ContemplationOfaJoker #Jokerophilia
Thanks a lot for your encouragement Manas ?
Waah Waah! Ha hai tujhe bhi izazat karle tu bhi mohabbat 🙂 Beautiful kavita 🙂
Thanks dear ?
Very positive one, nice thoughts, loved reading this.
Thank you so much. Keep reading ?
Very beautiful as well inspiring words.
Thank you Samira ?