उंगली पकड़कर चलना सिखाया था आपने
चलना गिरना
गिरकर सँभलना सिखाया था आपने
भूली नहीं हूँ मैं कुछ भी पापा
हर सीख याद है मुझे
मुश्किलों का डटकर सामना करना
भी तो सिखाया था आपने
कभी हाथी कभी घोड़ा बन
दिल बहलाया था मेरा
मेरी हर जिद्द को गले से लगाया था आपने
माँ की डाँट से भी तो कई बार बचाया था आपने
भूली नहीं हूँ मैं कुछ भी पापा
हर सीख याद है मुझे
साइकिल से स्कूटर तक का सफ़र
भी तो पार करवाया था आपने
ठंड के दिनों में
रात भर उठ उठकर चादर उढाना
गर्मी में कूलर की ठंडी हवा में सुलाना
भूली नहीं हूँ मैं कुछ भी पापा
हर बात याद है मुझे
मेरी जरा सी तबीयत बिगड़ने पर
आपका वह मन ही मन परेशान होना
फ़िक्र का ज़िक्र भी ना किया कभी
पर हर वक़्त घर का पूरा ख्याल रखा था आपने
ख़ुद दिन रात मेहनत कर
सुकून से सुलाया था हमें
भूली नहीं हूँ मैं कुछ भी पापा
हर बात याद है मुझे
अपने सपने अधूरे रख
हमारे सारे ख्वाबों को भी तो सजाया था आपने
दिल के टुकड़े सा संभाला था आपने
पर दुनिया की रीत कह
दहलीज पार करने पर मज़बूर कर दिया था आपने
पल भर में जुदा कर दिया था आपने
भूली नहीं हूँ मैं कुछ भी पापा
हर बात याद है मुझे
दिल पर पत्थर रख
मेरी विदाई पर भी तो छुपकर आँसू बहाया था आपने
पढ़ाई लिखाई हर एक ज़रूरत का ख्याल रखा था आपने
आपने ही मुझे इस काबिल है बनाया
जो भी हूँ मैं आज
आपकी बदौलत ही अपने पैरों पर खड़ी हूँ आज
बस आज फिर एक बार कह दो ना पापा
आपकी बिट्टो हूँ मैं
बस आज फिर एक बार कह दो ना पापा
आपकी लाडो हूँ मैं
बहुत ही सहज मगर दिल को छू लेने वाली कविता
Saath bane rahne ke liye bahut bahut dhanyavad!
Each and every word is so touching. I lost my father a year back and this brought back so many memories. Hopefully I can write this well someday.
I understand you must be missing him a lot. A big hug to you from your Dad! Wherever he is, he must be proud of you. You already are doing great Manas. Hope I can be as strong as you. Keep smiling. Keep moving.
Thank you for your comforting words… I guess I have seen so much that I have become strong from early days. All the power to you. Keep dishing out such lovely stuff.
Thank you!